डॉक्टर और मरीज का रिश्ता भरोसे का होता है। लेकिन इस पेशे से भरोसा खत्म होता जा रहा है। डॉक्टर के लिए मरीज पैसा कमाने की मशीन बनकर रह गए हैं। वह उन्हें उसी तरह दुहता है जैसे गाय से दूध। गैरजरूरी टेस्ट, खास ब्रांड की महंगी दवाएं लिखना ताे आम है। मरीज एक तरफ बीमारी से जूझता तो वहीं डॉक्टरों के पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटरों का भी सामना करता है। इस पूरे नेक्सस की पड़ताल करती स्टोरी...
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